आपको भूत प्रेत,आत्मा,horror story,डरावनी कहानियां पसंद है ? तो स्वागत है।खौफनाक हॉरर स्टोरी हिंदी में  पढ़िए | यह सभी भूतों की कहानियां आपको डर का एहसास कराएंगी।


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horror story : image by pexels.com





स्कूल की पढ़ाई खत्म करके अपनी आगे की पढ़ाई पुरी करने के लिए रमेश ने एक इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लिया, पर वो कालेज उसके घर से बहुत दूर था , इसलिए बो हसटेल में रहकर पढ़ाई करने वाला था। वक्त आने पर अपने घर बालों से विदा लेकर वो होस्टल चला गया और फिर कालेज की पढ़ाई में व्यस्त हो गया। उसके बहुत सारे नये दोस्त वने , जिनके साथ उसका बहुत अच्छा समय बीत रहा था। 

  फास्ट सेमिस्टर की परीक्षा खत्म होने के बाद रमेश और उसके कुछ दोस्त एक दिन घुमने निकले थे। पहाड़ी रास्तों पर काफी देर तक चलने के बाद वो लोग थक गए थे इसलिए थोड़ा विश्राम करने के लिए सभी सड़क के किनारे से थोड़ा नीचे उतर के दो-चार बड़े बड़े पत्थरों पर अपना अपना स्थान लेकर वेठ गये। बहा से बहुत अच्छे नजारे दिख रहे थे। निचे हरे भरे पाहाडी पेड़ पौधे और बहुत दुर तक फैला हुआ आसमान और दुर पहाड़ी के पीछे ढलता हुआ सूरज, साथ में हल्की हवा और हवा में तैरती हुई पहाड़ी फुलों की खुशबू और झुंड में अपने घोंसले में लौटती हुई पक्षियां। बिल्कुल मंत्रमुग्ध कर देने वाला नजारा था। सभी दोस्त उस नजारे की लुत्फ उठा रहे थे। ठीक तभी रमेश का फोन बजा , उसका एक दोस्त था फ़ोन पर वो उन सबको किसी जरूरी वजह से वापस बुला रहा था। उसदीन तो सभी जल्दी लौट गए। लेकिन रमेश के मन में उस जगह के लिए एक अलग सा आकर्षण पैदा हो गया। मानो उसे वो जगह अपनी और खींच रहा था।

  एक दिन रमेश का उसके एक दोस्त के साथ कुछ बहस हो जाता है। इसलिए अपने आप को थोड़ा रिफ्रेश करने के लिए वो अकेला ही होस्टल से बाहर निकलकर जा पहुंचता था उस जगह पर । जाहां पीछली बार वो अपने दोस्तों के साथ आया था। काफी देर तक वो वहां पर बैठा रहा। फिर उसे एहसास हुआ कि कोई उसके पिछे खड़ा हे। उसने तुरंत पिछे मुडकर देखा तो उसे दिखाई दिया एक आदमी सड़क के किनारे खड़े होकर उसे देख रहा हैं। रमेश को थोड़ा अजीब लगा वो कुछ बोलने वाला था कि वो आदमी जाने लगा , इसलिए रमेश रुक गया । पर वो  जाते हुए भी बार बार मुड़ कर रमेश की तरफ़ देख रहा था। फिर रमेश भी  होस्टल लौट आया।

  रात को सोने से पहले रमेश उस शख्स के बारे में सोच रहा था, वो इन्सान लगभग चालीस साल के उपर का होगा , बिल्कुल सूट वूट पहना हुआ कोई बड़ा अफसर या बिजनेसमैन जैसा लग रहा था। लेकिन वो रमेश की तरफ इस तरह से क्यूं देख रहा था जैसे वो कुछ कहना चाहता हों? इन सब बातों को सोचते हुए रमेश सो गया फिर  उसने रात को एक सपना देखा, उसने देखा कि वो उस खुबसूरत पहाड़ी पर घुमाने गया है और वो वहां का खुबसूरत नजारे देख रहा है । फिर उसने देखा एक गाड़ी सड़क से फुल स्पीड में चलीं आ रही है वो गाड़ी रमेश के पास आके रुकी। और गाड़ी में से बही शख्स वहार निकला और वो रमेश को अपने साथ आने के लिए कहा, रमेश भी उस शख्स के पिछे पिछे चलने लगा। वो रमेश को पहाड़ के नीचे ले गया। निचे बहुत घना जंगल था और उन्हीं जंगलों के बीच में रमेश ने देखा कि एक गाड़ी पलटी हुई थी, ये वही गाड़ी थी जिसमें से वो शख्स निकला था।  वो शख्स रमेश को उस गाड़ी की तरफ ले गया और उस गाड़ी के अन्दर से एक नोट से भरी सुट केस निकाला और रमेश के हाथ में दिया और फिर वो  उसे  कहा कि वो उन पैसों को उस शख्स के परिवार के पास पहुंचा दे। बस इतना देखने के बाद रमेश कि निंद टूट गई। फिर अगले कुछ दिनों तक उसने येही सपना बार बार देखा , फिर उसने इस बारे में अपने पिताजी से बात की , उसके पिताजी पुलिस में बड़े पद पर थे इसलिए उन्होंने अपने दो सहकर्मी और रमेश को साथ लेकर पहाड़ के नीचे जा पहुंचे । और वहां पे बही सबकुछ मिला जो रमेश ने सपने में देखा था। फिर गाड़ी के नम्बर से मालिक का पता लगाया गया फिर गाड़ी से मिले पैसों से भरें सूटकेस को उस शख्स के परिवार के पास पहुंचा दिया गया। फिर उसके बाद से वो शख्स रमेश को कभी नहीं दिखाई दिया।